शनिवार, 16 दिसंबर 2023

तेरी आँखे हैं खूबसूरत

हैं आँखे खूबसूरत ,बस इतनी सी कमी है, 
ना ही कोई हया है ,ना ही कोई नमी है ! 


वो था ही नहीं वैसा, जैसा वो दिखाता था, 
उड़ उड़ उड़ाया यौवन, अब खोजता जमीं है! 

जिस प्यार में हो मतलब, वो प्यार ही बे मतलब, 
गर प्यार हो हम ही से, तो तुम में भी हम ही हैं! 

जीवन की दौड़ में सब, हैं हांफ हांफ जीते, 
हाथों में हाथ हो तो, दुनियाँ वहीं थमी है! 
----------------------------  तनु थदानी

प्यार को बेजान शब्दों ,से भला क्या वास्ता ?

लब पे शेर  आये की ,आंखों में गज़ल भर आई  ! 
उड़ के, यादों के शहर से, इक खुशी सी घर आई! 

जद में सफर, के जो थे , तन्हाई के  किस्से  बने , 
खिल उठे, तुम आ रही हो, जब से ये खबर आई! 

मैं भी कश्मकश में था ,ओ तू भी कश्मकश में थी, 
शर्म भी बेशर्म  बन के,  गालों पे  उभर आई  ! 

प्यार को बेजान शब्दों ,से भला क्या वास्ता  ? 
प्यार की हर पंक्तियाँ , मुस्कान में नज़र आई  ! 
---------------------------------  तनु थदानी

वजह की मौत हो जाये

वजह की मौत हो जाये

मेरे कदमों की धूल से ,मकां मैं इक बनाऊंगा  ! 
तुम्हारी मुस्कुराहट को, दीवारों पे सजाऊंगा  ! 

थे जितने  हौसले, सबों की मैंने छत बना डाली, 
मेरे सपनों की सीढ़ी को मैं,छत तक ले के जाऊंगा! 

मेरे दुख दर्द आंसू छाले, सब हैं नींव में डाले, 
मेरा मकां बनेगा घर , मैं खुल के मुस्कुराऊंगा ! 

वजह की मौत हो जाये, तभी, जब मुस्कुराऊं मैं, 
रहुंगा खुश तभी तो खुश, सबों को रख भी पाऊंगा! 
---------------------------------  तनु थदानी

बुधवार, 13 दिसंबर 2023

हम लाजवाब कातिल

कुछ होते न पहाड़ , पत्थरों की एकता है!
जुड़ के, धरा से जो, आस्मां को देखता है!

आना है हाथ खाली, जाना है हाथ खाली, 
जीवन का फलसफा ये,हर कोई फेकता है! 
 
जिंदगी है इक तवा तो, भरपूर प्यार सेको, 
मत देखो इस तवे पे, कोई क्या सेकता है  ! 

हम लाजवाब कातिल, खुद ही की उम्र खाते, 
जब उम्र हमें खाती, कहते हैं ये खता है!  
----------------------------- तनु थदानी                                  

शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

सामान रखिये कम , सफ़र का उसूल है

सामान रखिये कम , सफ़र का उसूल है  ! 
अरमान दिल में कम  तो,दुख दर्द फूल है ! 

अपनो से हार कर रहे, अपनो के सऺग तो, 
ये जिंदगी का खेल भी, पैसा वसूल है  ! 

माँ बाप भाई जिद की अगर, भेंट चढ़ गयें, 
गहने औ घर रूपया रुआब, सब ही धूल है! 

मालिक बने नौकर बने, या संत या जोकर बने, 
हम खुश रहें, सब खुश रहें, जीवन का मूल है! 
--------------------------------- तनु थदानी


यारों tanu thadani तनु थदानी ग़ज़ल

डरे सब कैमरे से,रब से क्यूं न,डरता है यारों !
अगर तुम मानते रब को,वो देखा,करता है यारों !

तुम्हारा रब तुम्हारा है, पिता सा, माँ सा, साथी सा,
क्यूं उसकी चापलूसी में,मारता ; मरता है यारों  ?


तुम्हारे धर्म की पुस्तक ; सभी छलनी है सुंदर सी ;
यही सच है तो खुशियाँ, क्यूं उसी से,भरता है यारों ?


सफर तो पूछ लेते हैं, हम हाथों की लकीरों से ;
मगर रस्ता तो खुद ही को,बनाना,पड़ता है यारों !
--------------------------- तनु थदानी

खामोशी के बाज़ार में, मुस्कान गुम हुई

रोटी से मैं लिपटा हुआ, अख़बार बन जाऊँ! 
भूखे के लिए रोटी वाला, प्यार बन जाऊँ! 

मैं प्यार के दो लफ्ज़ पे, सब कुछ लुटाता हूँ, 
पैसों से  गर बिक जाऊँ तो , बेकार बन जाऊँ! 

पढ़ा लिखा के माँ ने भी , बस ये नसीहत दी , 
दिल से मैं इक अनाड़ी सा , गँवार बन जाऊँ! 

खामोशी के बाज़ार में, मुस्कान गुम हुई, 
तो क्यों न मैं खुशी का इक, व्यापार बन जाऊं! 
---------------------------------  तनु थदानी

शनिवार, 18 नवंबर 2023

tanu thadani तनु थदानी अरी सखी

एक्खट - दुक्खट लील गया,ये शहर कमीना !
अरी सखी ,न आना,कठिन है  यहाँ पे जीना !

चश्मे  काले  भीतर  आंखे , बदन  टटोले ,
घर भीतर भी हम आराम से, रहें कभी ना !

तोहरे गाँव मा अबहूं  , काका भईया हैं ना ?
शहर ने बीच चौराहे, इ सब रिश्ता छीना !


पेट की खातिर शर्म बिके,तुम समझ रही हो ?
यही शहर की बातें हमको , कभी जमी ना !
             -------------------  तनु थदानी

शुक्रवार, 3 नवंबर 2023

लिख के जो रोया मैं

लिख के जो  रोया मैं

जो इश्क़ को जिस्म का, चस्का चटा गया, 
वो इश्क़ की तासीर से , खुश्बू हटा गया !

जो इश्क़ है तुम्ही से, कभी कह नहीं पाया, 
रोई तुम्हारी आँखें, मैं छटपटा गया ! 

जब भी लड़े खाई खुदी, पर जब भी मैं रोया, 
मैं हूँ ना कह के भाई वो , खाई पटा  गया ! 

आँखों में आँसू,  लब पे हँसी ,सब जुगाड़ था, 
लिख के जो  रोया मैं, वो पढ़ के मुस्कुरा गया  ! 
------------------------------ तनु थदानी

बुरी बात पे कान न रखना

लड़ने का सामान न रखना! 
बुरी बात पे कान न रखना! 

पता तुम्हारा कोई न जाने
ऐसी तू पहचान न रखना! 

बात तुम्हारी समझ न आये, 
ऐसा मुंह में पान न रखना! 

तुम्ही सही हो सदा जो बोले, 
ऐसा मित्र नादान न रखना! 

तुझसे तेरे दूर हो जायें, 
इतना भी तू ज्ञान न रखना! 

पड़े जो चुनना दो में इक तो, 
घर रखना मकान न रखना! 

फुटपाथ पे खुशी बाटना, 
नफरत की दुकान न रखना! 

दिल हो जाये भारी भारी, 
इतने भी अरमान न रखना! 

पढ़ लिख के साहब बनना पर, 
मिलने में व्यवधान न रखना! 

---------------  तनु थदानी


शनिवार, 21 अक्टूबर 2023

तुम्हें तो प्यार हो न हो , मगर हम प्यार करते हैं!

तुम्हें मरहम लगाता हूँ ,हमारे हाथ जलते हैं !
तुम्हें तो प्यार हो न हो , मगर हम प्यार करते हैं!

तुझे हम प्यार करते हैं प्रिय , इसलिए तुझको
तुझे कमियों के संग संग ही,स्वीकार करते हैं !

कोई जो संग शर्तों के , करे है प्यार की बातें ,
मेरी मानो वो प्रेमी  , प्रेम संग व्यापार करते हैं !


हमने किया जो प्यार तो, साबित भी हम करें  ? 
हम ही से इस तरह का क्यूँ, व्यवहार करते हैं  ?? 

शहर में तब्दील होते गाँव से पूछो

दिल से अमीरी को,किसी ने भी नहीं माना! 
बस माह की तन्ख्वाह,तरक्की का पैमाना! 

शहर में तब्दील होते , गाँव से पूछो, 
होता है क्या रूह से, बर्बाद हो जाना! 

चाकरी, ट्रैफ़िक, वही पिंजरेनुमा सा फ्लैट, 
ये शहर में होता है , आबाद हो जाना! 

हम ये नहीं कहते की तुम, ऐसे नहीं जीओ, 
हम बूढ़ों को लेकिन,वृद्धाश्रम न पहुँचाना! 
------------------------------  तनु थदानी

सोमवार, 25 सितंबर 2023

तनु थदानी हमारे बाप का हिस्सा ही ये हिन्दुस्तान है tanu thadani

मुगल तो बस लूटेरे थे , हमें तो ये ही ध्यान है !
यही इतिहास का, कड़वा मगर , सच्चा बयान है !

भिखारी को खिलाने का , हमारा धर्म है , लेकिन ,
हमारा खा के ना समझे कि ,ये उसका मकान है !

तुम्हारा बाप तुमको नाम ,राहत दे के मर गया ,
मगर तुम में तो राहत का नहीं, नामो निशान हैं !

तुम्हारे बाप ने लड़ ले लिया , हिस्सा जमीन का ,
हमारे बाप का हिस्सा ही ये , हिन्दुस्तान है !!
----------------------- तनु थदानी

मंगलवार, 8 अगस्त 2023

tanu thadani तनु थदानी. इक उम्र गुजरती है

जो वक्त ने पढ़ाया , मास्टर जी क्या पढ़ाते !
जीवन  गुजारा  हमने , धोते- नहाते- खाते !

धरती पे सबका जीवन, शायद हसीन होता ,
तमीज से ही हम जो , पहचाने अगर जाते !

गंर आईने  में अपना, जो चित्र नहीं  दिखता ,
केवल चरित्र दिखता , तो हम भी सुधर जाते !

हम  जानवर  हैं  कैसे , कि  पेट के लिये ही ,
रब  का दिया  वो  तोहफा , ईमान बेच आते !

हम सभ्यता के आशिक, मंगल व चाँद छाने ,
जो  दिल  हमारे  पास , उसे भूल भूल जाते !

माँ सच है, पिता सच है , भाई बहन भी सच है ,
वो मौत भी तो सच है , हम क्यूँ हैं भूल जाते ?

पत्थर जमा किये क्यूँ ? कंकर जमा किये क्यूँ ??
इक  उम्र  है  गुजरती , ये  अक्ल  आते  आते !
-------------------------------- तनु थदानी

सोमवार, 10 जुलाई 2023

tanu thadani यही सच है hey eshwar -3 तनु थदानी yahi sach hai हे ईश्वर -3

कहीं विश्वास है बिकता , कहीं  इज्ज़त भी बिकती  है !
हमारी  ये  सदी  तो  पूरा  , इक  बाज़ार   दिखती   है !

कहीं  जो  आग  लग  जाये , हमारे  दिल  झुलसते  हैं ,
उसी  पे   देख   मेरे  रहनुमा  की ,  रोटी   सिंकती   है !

यही  सच  है  तरलता  खो  गई , है   भावनाओं   की ,
सभी कुछ  हो गयें पत्थर ,कोई  खुशबू  न  टिकती  है !

यहाँ  सब  ठीक   है  बेटा , नहीं   चिंता  कोई   करना ,
नहीं माँ आजकल की , आजकल  चिट्ठी  में लिखती है !
------------- तनु थदानी



सुन जीवन एक तराना है तनु थदानी हे ईश्वर-3

ये ग़म तो  एक  खजाना है !
फिर सुख तो आना जाना है!

रहने की जगह औकात ही है,
बाकी  तो  मात्र  बहाना  है !

इतने शिकवे, साजिश, नफरत,
दिल  है  या  कबाड़खाना है ?

दिल की धकधक सांसो की लय,
सुन  ; जीवन एक  तराना  है !
------------------- तनु थदानी

अंततः हे राम !Tanu Thadani तनु थदानी

इंसान का जीवन, इंसान की नियति, इंसान फिर तमाम!
मिट्टी के खिलौने, मिट्टी का घरौंदा, फिर मिट्टी में विश्राम!

ओढ़ के रुआब, जागते ले ख्वाब, ख्वाहिश बेहिसाब, 
बेवजह ठसक, बेवजह कसक, अंततः हे राम !

दौड़ के लूटा, लुटा इस दौर में, हम सब हैं लुटेरे, 
दौलत भी की जमा, फिर इश्क भी जमा,पर खो गया आराम !

इतनी थी फुटानी, इतने थे हम ज्ञानी,इतना ही था रुतबा, 
इधर गिरा चरित्र, छूट गये मित्र,तो हो गये बे- दाम !
---------------------------------------  तनु थदानी

गुरुवार, 29 जून 2023

tanu thadani तनु थदानी क्यूं है

चलन में बदचलन का; आचरण; होता क्यूं है ?
किया जो माफ उसे; फिर भला ; रोता क्यूं है ?




कभी न पूछना कि;प्यार से; हासिल क्या हुआ;
वफा की लाश को ; ताउम्र ; संजोता क्यूं है ?




वो जिसने सुख के लिये;जिस्म की;तौहीन कर दी;
उन सूखी राहतों में ; प्यार को ; ढ़ोता क्यूं है ?




यही है दुनियां ; सभी शक्ल पे ; नकाब चढ़ी ;
भला दिन रात फिर;अफसोस को;बोता क्यूं है?


वो जिसने ; साथ निभाने की कही; जन्मों तक;
वो मेरी आँखों में; सुईयों को; चुभोता क्यूं है ?


सभी हैं कहते कि;भगवान है;हर शै में बसा ;
भला फिर जिस्म से ; ईमान ये ; खोता क्यूं है ?
------------------------------ तनु थदानी















सोमवार, 19 जून 2023

tanu thadani तनु थदानी आखिर वो अपना बेटा है


ईश्वर जब से इन आँखों में ; इक खुशी दिखाना भूल गया !
बेटे से गिला नहीं ; वो तो बस ; चश्मा लाना भूल गया !


यूं तो है भुलक्कड़ नहीं मगर ; वो जाने कैसे भूल गया ;
मेरा बेटा ; घर में मेरा ; कमरा बनवाना भूल गया !


इक पिता ने मुझे बताया कि ; बेटे ने खूब तरक्की की ;
हर हफ्ते फोन तो है करता ; पर आना जाना भूल गया !


हम जीवन मसले दर्द रिसे ; हम बूढ़े कर भी सकते क्या ;
जो गोद में खा कर बड़ा हुआ ; वो हमें खिलाना भूल गया !


घर के आंगन की इक खटिया ; इक छड़ी व छाता इक लुंगी ;
इतनी सी दुनियां के आगे का ; तानाबाना भूल गया !


पोते के जनम की ख़बर न दी : नाराज क्यूं होती बेटे पर ;
बेटे ने कहा तो होगा पर ; मैं ही ये बताना भूल गया !


चल माफ उसे कर देते हैं ; आखिर वो अपना बेटा है ;
हम में ही होगी कमी ; जो हमको ; गले लगाना भूल गया !
-------------------------- तनु थदानी

मां का कमरा भूल गया tanu thadani तनु थदानी

कैसे भला जगाये उसे, जो खुली आंख से सोयेगा !
जीने के अभिनय मेंं अपनी, हंसी खुशी सब खोयेगा !

आफिस पैसे याद रहे पर, मां का कमरा भूल गया,
नहीं पता था मां को तेरी, इतना बड़ा तू होयेगा !

बहुत बैठकें कर ली बाहर, मां के संग भी बैठा कर,
बाद में मां की फोटो को तू ,देख हमेशा रोयेगा !

सबसे हाथ मिलाता है तू , बाहर खाना खाता है तू ,
नकली हंसी खुशी को पगले;कितना और तू ढ़ोयेगा ?
-----------------------------------  तनु थदानी

बुधवार, 14 जून 2023

गांव में आनंद है

मिट्टी है,खेल है, गांव में आनंद है!
मित्र संग मेल है, गांव में आनंद है!

ऐ शहर,खुश रहो, स्टेशनों के साथ में, 
पटरियां हैं, रेल है,  गांव में आनंद है!

ताड़पत्र,बेलपत्र,तुम किताबों में पढ़ो,
ताड़ हैं, ओं बेल है,  गांव में आनंद है!

माॅल की,सीढ़ियों की, नाप से हम दूर हैं, 
हफ्ते वाली सेल है,  गांव में आनंद है!

खा रिफाइंड खुश रहो, छोटे ओं बड़के शहर, 
घी है, सरसों तेल है,  गांव में आनंद है!

याद पहाड़े भी करते, हिन्दी भी जिंदा रखे,
इंग्लिश में फेल है,  गांव में आनंद है!

आज भी चबूतरा है, पंच हैं, सरपंच है, 
कोर्ट है ना जेल है , गांव में आनंद है!
----------------------------- तनु थदानी

मंगलवार, 13 जून 2023

तनु थदानी सुख शब्द नहीं अवस्था है

दीदी जब से तुम भाग गयी, मेरा विद्यालय छूट गया!
हर बेटी के बाबू जी का, बेटी पे भरोसा टूट गया  !

मैं छोटी बच्ची हूँ दीदी, मैं भाग्य के माने क्या जानु?
सब कहते गल्ती है तेरी, पर भाग्य मेरा ही फूट गया!

अब पापा रोते छिप छिप कर, माँ बूढ़ी बूढ़ी लगती है, 
तेरी ख्वाहिश का कोलाहल, सन्नाटा घर में कूट गया!

मुझको तो बनना था डाक्टर, वो मेरा अपना था सपना, 
तेरा सपना किस हक से आखिर, मेरा सपना लूट गया?

सुख शब्द नहीं अवस्था है, वो मिले तभी जब सब राजी, 
तुम पढ़ी लिखी हो समझाओ,कि घर से क्यूँ सुख रूठ गया ?
-----------------------------------   तनु थदानी

अगर दिखता हूँ कांटे सा, तुम गुलाब बन जाओ

अगर दिखता हूँ कांटे सा, तुम गुलाब बन जाओ ,
मेरे सादे से जीवन में, तुम रंग बन के घुल जाओ !

सभी के हाथ, सभी खुशियाँ, कभी आती नहीं समझो, 
अगर समझा नहीं इसको, तो क्या समझा, ये समझाओ!

चढना भी जरूरी है, उड़ना भी  जरूरी है, 
अगर जीना जरूरी हो तो, अपने घर भी आ जाओ !

रखो न खुशियाँ जेबों में, जो कट जाती हैं अक्सर,
बेहतर ये ही होगा,खुशियाँ, चेहरे पे ही लगा लो  !

क्यों हम साम दाम दंड भेद सीख जीते हैं  ?
ज्यादा ग॔र  मुसीबत हो, जरा सा मौन अपना लो !
-----------------------------------  तनु थदानी 

तनु थदानी, जो बोले वो सही

कहते हैं तुम बदल गये, मैं कहता हूँ नहीं!
तुम हो वही जो थे, महज़ नकाब न रही!

उस पार्टी ने लूटा तुम्हें, अब दो हमें मौका, 
नेता हमारे देश में, जो बोले वो सही  !

पैसे हो गंर जेब में, पिस्टल के साथ में, 
जरूरत नहीं दिखाने की, न खाता न बही !

बेहद संगीन जुर्म कि मैं, सच के साथ हूँ, 
इस जुर्म के कारण मेरी, इज्जत नहीं रही !
---------------------------  तनु थदानी