गुरुवार, 31 मई 2012

आओ मेरे आलिंगन में, hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },




बहरों  की   महफ़िल   में   देखो , कैसे   बात  बताता  हूँ !
गूंगा   बन   के   हाथ- शक्ल  से , मुद्रा  खूब    बनाता हूँ !


जिस दिन दोस्त बना ईश्वर का,खुद ही से मैं बिछुड़ गया,
बहका - बहका  हूँ   रहता  सो , नहीं किसी को  भाता   हूँ !


नींद   भी  मेरी स्वप्न  भी  मेरे ,सब   मुझको ठग जातें हैं ,
प्यार  हूँ करता जिनसे  उनसे ,स्वत : स्वतः ठग जाता हूँ !


मुझे न  बनना चाँद  कि जिसको ,खाती एक अमावास है ,
सूरज  हूँ   मैं  रोज  डूब   कर , लौट - लौट   के   आता हूँ !


मेरे  दुख  में  शामिल  होना , बड़ा   सा   उत्सव  होता  है ,
अपने  दुःख  में  हंसता  हूँ  मैं , सबको  खूब   हंसाता  हूँ !


आओ  मेरे   आलिंगन   में , प्रभु  के प्यारों  बिना हिचक,
कौन  हो , क्यूँ  हो , गले लगा के , यही तो बात बताता हूँ !



रविवार, 27 मई 2012

मैं नाकाम नहीं हूँ ,hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },




हूँ जरिया  मैं अंजाम    का ,  अंजाम  नहीं हूँ  !
पूरा  घर हूँ   कोई ईंट  का  , मकान नहीं  हूँ  !


जाता हूँ  मैं भी दुःख में पिघल, मोम की मानिंद ,
पत्थर  ना समझना  कोई , बेजान नहीं  हूँ !


कभी शायरी  में मैं  तुझे  जो,  ला नहीं  पाया ,
सच  ये भी है  की तुमसे मैं ,  अनजान नहीं  हूँ ! 

लगाईं  हो कभी तोहमत तो मुझे,माफ़ कर देना
इंसान  हूँ  अदना  सा  मैं , भगवान  नहीं  हूँ !


किया जो प्यार मैंने ,प्यार , मिल नहीं  पाया ,
अपने प्यार पे  कायम हूँ मैं , नाकाम  नहीं  हूँ !

अजीब हूँ मैं आदमी hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी



जिन्दगी  के  खुशनुमा   पल ,खूब   तडके  रक्खे हैं !
है  निमंत्रण  आ  के  लूटो ,  मैने   धर  के  रक्खे  हैं !

जिन्दगी   में आ के मेरी , देख   तो तेरे   लिए  ही ,
पल   ख़ुशी के   इस जहाँ  से ,मैने लड़  के रक्खे  हैं !

तुम  इसे  गर  प्यार  मानो  , सब   हैं  तेरे  वास्ते ,
प्रार्थना  के  पात्र  में  , जज्बात   भर के   रक्खे हैं !

आँख  ने  मुझको   उड़ाया , स्वप्न  की  पतंग  पे ,
पैर  हैं  कि अब  तलक, धरती  पकड़ के  रक्खे हैं ! 

 अजीब  हूँ  मैं  आदमी  , हँसता  दुखों  के दरम्यां ,
 मुस्कान में ही गम तमाम,जज्ब कर के रक्खे  हैं !

गुरुवार, 24 मई 2012

मगर मैं प्यार करता हूँ ! hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },


तुम्हे  घायल  न   कर दें  शब्द , सो  मैं चुप  ही रहता  हूँ  !
मेरी   मासूमियत  रौंदी   तुम्ही  ने , सच   मैं   कहता हूँ  !




नहीं  मांगा   कभी   भी  प्यार , क्यूँ   कि   जानता हूँ  मैं ,
तुम्हे   है  प्यार  जिस्मों   से , मैं   तो  रूहों  में  बहता  हूँ !




मेरी  माँ   को  नहीं  कहना , वो  मर  जायेगी  जीते  जी ,
कि   अपने  ख्वाब   की   उंचाइयों  से  , रोज  ढहता  हूँ !




तुम् ही  कातिल  हो मेरी  हर  ख़ुशी की ,जानती हो तुम ,
मगर  कोई   शिकायत   के  बगैर , चुपचाप  सहता  हूँ  !




वो इक दिन  यूं  भी  आयेगा ,करोगी  खुद घृणा  खुद से ,
तुम्हारे  हश्र   पर पगला  मैं  आखिर , क्यूँ   सहमता  हूँ ?




मैं  चुप्पी  ढो  के  ढहता , फिर सहमता ,साथ  हूँ  रहता ,
तुम्हे  न  प्यार   हो  मुझसे,  मगर  मैं  प्यार   करता हूँ  ! 

बुधवार, 16 मई 2012

जो इश्क खुदा से मैने किया hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },







मैने   भी महफ़िल   थी मांगी , माँगा  इक  बाग़  महकता सा !
इक  ख्वाब  मिला आवारा सा ,दिल  पाया एक  भटकता  सा !


वो  खूं   से लथपथ  शै  जिसको, बेकार   समझ छोड़ा  तुमने ,
सीने  से लगा  कर रक्खा  था ,वो  दिल था  एक  धड़कता सा !


वो   मालिक  है    सब  देखता  है , करतूत  हमारी  बुद्धि  की ,
हम अक्सर छिपा जो जाते हैं,सिर भीतर कुछ-कुछ पकता सा !


अल्लाह   ने  किया  कुबूल  मगर ,बन्दों  ने पागल  कह मारा ,
जो  इश्क खुदा से मैने किया,दिल खोल के यार  फड़कता सा !


तुम  ढूढो  पूरी  शिद्दत   से , वो   तुमको  भी   मिल  जाएगा ,
जो   इंसा   भीतर  बच्चा  है , ओं   पंक्षी  एक   चहकता  सा ! 

रविवार, 13 मई 2012

मेरा घर कब्रगाह है hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },



रहे  सब  सोचते  कि  जिन्दगी   से ,  क्या  रहा  पाना !
मिला तो  कुछ नहीं  सब छोड़  के ,सबको  पड़ा  जाना !

ना  काटो  उम्र  पूरी उम्र  भर ,इक  दार्शनिक  बन कर,
कोई  रोये  तो  रोओं  तुम ,कोई  हँस  दे तो  हँस जाना !

मैं  जब भी दुःख  में  होता  हूँ ,मैं  लोगों  को  हँसाता हूँ,
कोई  कहता   है  पागल  तो , कोई   कहता  है दीवाना ! 

समूची  उम्र  साँसे  ले  के , दुःख   में  बिलबिलाते   हैं ,
मिले जब  सुख भरी दरिया,उसे कहते क्यूँ  मर जाना ?

किसी  कि  बे-वफाई  ने ,दफ़न  कर  दी मेरी  खुशियाँ ,
मेरा   घर   कब्रगाह   है  ,  मेरे  घर   में   नहीं   आना !



शुक्रवार, 11 मई 2012

क्या मैं शापित हूँ hey eshwar-3 tanu thadani हे ईश्वर -3 तनु थदानी





मैं  तेरे  खेल  का  हिस्सा  हूँ , ईश्वर जुड़ के  अर्पण से !
दिया  तूने  सभी  कुछ  है ,मगर  लगता  है बे-मन से !

दिए  जो  होंठ तो मुस्कान  मेरी ,रख ली   क्यूँ  ईश्वर  ?
तभी  तो  प्रेम  हूँ  करता , तुम्ही  से, पूरी  अनबन से !

मेरे आँगन नहीं चहकेगी चिड़ियाँ ,क्या  मैं  शापित  हूँ,
दिला  इस  श्राप  से मुक्ति ,या कर  दो  मुक्त जीवन से ! 

मैं   तेरा   ही   चढावा    हूँ  , मैं   तेरे    पास   आउंगा ,
बचा के मुझको रखना ,इस जमाने  भर की जूठन से !


रविवार, 6 मई 2012

बुद्धू हूँ मैं बुद्धू hey eshwar -3 { tanu thadani } हे ईश्वर-3 {तनु थदानी }



फकत था  दोष   इतना   ही ,.सरे  बाज़ार  पिट  आया !
लगा  अजान मंदिर में,भजन  मस्जिद में क्यूँ  गाया ?


जो  मैने   ये   कहा   अल्लाह  का , अनुवाद   है   ईश्वर   ,
किसी   को  मेरी  भाषा  का ,गणित ये  छू   नहीं  पाया !


इबादत तुम  इसे  समझो  , या  समझो  मेरी  नादानी ,
बहुत  थी  भीड़  मंदिर  में , सो  बच्चे  पार्क   में  लाया !


तमाम   किस्म  के  थे  फूल  , उस  प्यारे  बगीचे  में ,
तमाम  फूल  में  ही  बच्चो को , भगवान्  दिखलाया !


सभी  बच्चों  ने  आखिर  ये  कहा , बुद्धू   हूँ  मैं   बुद्धू ,
किसी  भी क्लास में उनको नहीं ,ये तो था बतलाया !

शुक्रवार, 4 मई 2012

बेशक तुम्हे बना के मैं,खुद ही परेशां हूँ hey eshwar-3 {tanu thadani}हे ईश्वर-3 {तनु थदानी}


ईश्वर  कहा फिर  मुझको  ही , शर्मिंदा  कर  दिया !
मैने  तो  यूँ   कहा  नहीं  , तू   जिस   तरह   जिया !

खरीद - बेच   क्या   रहा  , सम्पूर्ण    जीवन   में ,
सब   छोड़  के  आएगा  फिर ,पूछूंगा  क्या किया  ?


जो   मुफ्त  में   मैने   दिया , तुमको   नहीं   कदर ,
सुख  के  लिए  मशीन  से , क्या -क्या  बना लिया !


दिन  चार   दिये  कोख   से ,आने को  कब्र  तक ,
इतना ही  नहीं  प्यार  का ,  रस्ता  भी  था  दिया ! 


क्यूँ  रास्ता  वो  छोड़  कर  , भटका गली - गली ,
अमृत  को  छोड़  क्यूँ  भला , अपना  लहू  पीया?

बेशक   तुम्हे  बना   के  मैं  , खुद  ही  परेशां  हूँ ,
सब  लड़  मरे   मेरे  लिए  , कोई   नहीं  जीया !
heyeshwar.blogspot.com/.

बुधवार, 2 मई 2012

मैं अकेला हूँ hey eshwar-3 {tanu thadani} हे ईश्वर -3 {तनु थदानी }





मैं   अकेला  हूँ  मुझे  , मुझसे  मिला इक  बार  तू !
ए खुदा  ग़लती से ही पर ,मुझ से तो कर प्यार तू !


शब्द  की  जिन - जिन सलीबों ,पे  मेरा  वजूद  है ,
उन सलीबों  में  भरो , इस जिन्दगी  का  सार  तू !


आत्मा  से  तुझको  खोजा ,बस  मिली  बेचैनिया ,
जिस्म  की  गहराइयों में ,क्यूँ  मिला  हर बार तू !


तन्हाइयों  के  शोर  में  दी , अनकही   विरक्तियाँ,
तू अगर  ईश्वर है तो फिर ,कर न यूँ व्यवहार  तू !