रविवार, 13 मई 2012

मेरा घर कब्रगाह है hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },



रहे  सब  सोचते  कि  जिन्दगी   से ,  क्या  रहा  पाना !
मिला तो  कुछ नहीं  सब छोड़  के ,सबको  पड़ा  जाना !

ना  काटो  उम्र  पूरी उम्र  भर ,इक  दार्शनिक  बन कर,
कोई  रोये  तो  रोओं  तुम ,कोई  हँस  दे तो  हँस जाना !

मैं  जब भी दुःख  में  होता  हूँ ,मैं  लोगों  को  हँसाता हूँ,
कोई  कहता   है  पागल  तो , कोई   कहता  है दीवाना ! 

समूची  उम्र  साँसे  ले  के , दुःख   में  बिलबिलाते   हैं ,
मिले जब  सुख भरी दरिया,उसे कहते क्यूँ  मर जाना ?

किसी  कि  बे-वफाई  ने ,दफ़न  कर  दी मेरी  खुशियाँ ,
मेरा   घर   कब्रगाह   है  ,  मेरे  घर   में   नहीं   आना !



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