शनिवार, 27 जनवरी 2024

ऐसी भी क्या नाराजगी

ऐसी भी क्या नाराजगी, छोड़ दिया नाराज भी होना! 
मुस्काओ फिर मुस्कायेगा,अपने घर का कोना कोना! 

एक जिंदगी,एक यात्रा, एक ही साथी, जो कि तुम हो, 
लड़ो या रुठो,सब वाजिब है,शर्त मगर है प्यार न खोना! 

पूरी दुनिया घूम के जाना, मेरी दुनिया बस तुम तक है, 
तेरे संग ही जीवन लगता,बाकी पल तो,सांस का ढ़ोना! 

प्यार है तुमसे, इसे जताना, नहीं जरूरी रोज रोज ही, 
जब मैं बोलूं, मैं हूँ न,तो,तुम भी कहना, तुम भी हो ना! 

-------------------------------------  तनु थदानी