मंगलवार, 27 मार्च 2012

मेरी किताब पढ़ लेना hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी }



कोई  जो  गलतियां  ढूंढे , उसे  तुम  दोस्त  कर  लेना  !
कि पर्दा  जो  करे उस पर ,  ऐसे   मित्रों  से  लड़  लेना !


तुम्हारे  भाई- बहन -माँ - पिता , सब  लोग  हो  जहाँ ,
हो  चाहे   दूर  बस्ती   में ,  मगर  ऐसा  ही  घर  लेना  !


अगर  रूठे   तुम्हारा  प्रिय , चाहे  गलतियां   कर   के ,
झगड़ना  रस्म  सा ,ओं फिर  उसे , बाहों  में  भर  लेना ! 


तमाम उम्र  फल  खुशियों  के ,मिलते   जायेंगे  तुमको ,
मेरा  है  मशवरा  , ईश्वर  से ,मुस्कानों   कि  जड़  लेना !


जीवन  को  जीये   कैसे  ,  बिना  तकलीफ - दर्दों   के ,
अगर  हो   जानना  बन्धु ,  मेरी   किताब  पढ़   लेना !


रविवार, 25 मार्च 2012

सन्नाटे का शोर hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3{ तनु थदानी }

करूँ  मैं  पूजा  कहाँ  जो  तुमने ,  प्यार  का  मंदिर  तोड़  दिया  है !
मेरे   अंध - भरोसे   को   भी  ,  बीच   सड़क   पे    छोड़   दिया   है !!

दर्द  को  मेरे  पढ़ते -पढ़ते , शब्द   भी  सारे   बिलख   पड़े    हैं ,
क्यूँ  मेरे  दुःख  के  किस्सों   में , अपमानो   को  जोड़   दिया  है !! 

तुमने  प्यार  तो  तन  से  ढूंढा ,कैसे  मिल  पाता  फिर  दिल  से ,
नहीं  खुलेगा अब  ये  दिल  जो , लाखों  तह  तक   मोड़  दिया  है !!

नैतिकता  की  तोड़  चौहद्दी  ,  नर- मादा  सब   विचर   रहें    हैं,
नई  सदी  ने    ऐसा  किस्सा  ,  हर   घर   में  हर  ओर  दिया  है !!

नहीं  हैं  सुनते  इक दूजे   को  ,  नहीं  समझते   दिल  की  बातें ,
हे   ईश्वर   क्यूँ   ऐसा   तुमने  ,  सन्नाटे   का   शोर   दिया   है ??

बुधवार, 21 मार्च 2012

अगर प्रेमी हो तुम सच्चे hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी }



तुम   करते  रहना   प्रेम  , प्रेम  में   ईश्वर   है   बसता !
तुम्हारे  प्रेम-आचरण  से ,सुगम  होगा  जीवन -रस्ता !

कहीं  भी हो शरीर लेकिन,दिलों  से  जुड़  कर  तो देखो ,
मिलेगा  ईश्वर  जब  तुमको , लगेगा   ये  सौदा  सस्ता !

अगर  न समझ  रहे हो प्रेम,तो माँ की आंखें देखो  तुम,
किसी  के लाड  में  डूबो तो ,मिलेगा अपनापन  हँसता  !

अगर  प्रेमी हो तुम सच्चे,कहो खुल कर तुम  प्रेमी  हो ,
कि जो  तल्लीन  है  ईश्वर में,वही तो प्रेम  में है फंसता ! heyeshwar.blogspot.com

मंगलवार, 20 मार्च 2012

काश जिन्दगी ऐसी होती hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3{ तनु थदानी }



काश  जिन्दगी  ऐसी   होती , जहाँ   मैं   खुद  के  साथ  भी  होता !
होता  किसी  की  आँखों  मे  तब , नींद  ले  अपनी  चैन  से  सोता !



इच्छाएं   हथियार  बनी , फिर , घायल  मुझको   कर  डाला , तो,
किससे   फिर   मैं   करूँ  शिकायत , आगे   किसके  रोना रोता ?


अंगना   ओढे   धूप  मिला  तो ,  कमरे  छायादार  मिलें ,  फिर ,
दिल  है  करता ,खुद  को  खुद  के ,घर  में  आने  का  दूँ  न्योता  !


यूँ   ना   हो  कि  घर  आते   ही , बनु  अजनबी   अपने  घर  में ,
रिश्ते   अब   ब्यापार   से  बनते , ब्यापारों में  छल  भी  होता !


छम-छम करती नन्ही  बिटिया ,लिपट जो मुझसे  हंसती- रोती,
मैं  खुद  को  सम्पूर्ण  भी  पाता , अगर  नहीं  ये  सपना  होता !