शनिवार, 18 नवंबर 2023

tanu thadani तनु थदानी अरी सखी

एक्खट - दुक्खट लील गया,ये शहर कमीना !
अरी सखी ,न आना,कठिन है  यहाँ पे जीना !

चश्मे  काले  भीतर  आंखे , बदन  टटोले ,
घर भीतर भी हम आराम से, रहें कभी ना !

तोहरे गाँव मा अबहूं  , काका भईया हैं ना ?
शहर ने बीच चौराहे, इ सब रिश्ता छीना !


पेट की खातिर शर्म बिके,तुम समझ रही हो ?
यही शहर की बातें हमको , कभी जमी ना !
             -------------------  तनु थदानी

शुक्रवार, 3 नवंबर 2023

लिख के जो रोया मैं

लिख के जो  रोया मैं

जो इश्क़ को जिस्म का, चस्का चटा गया, 
वो इश्क़ की तासीर से , खुश्बू हटा गया !

जो इश्क़ है तुम्ही से, कभी कह नहीं पाया, 
रोई तुम्हारी आँखें, मैं छटपटा गया ! 

जब भी लड़े खाई खुदी, पर जब भी मैं रोया, 
मैं हूँ ना कह के भाई वो , खाई पटा  गया ! 

आँखों में आँसू,  लब पे हँसी ,सब जुगाड़ था, 
लिख के जो  रोया मैं, वो पढ़ के मुस्कुरा गया  ! 
------------------------------ तनु थदानी

बुरी बात पे कान न रखना

लड़ने का सामान न रखना! 
बुरी बात पे कान न रखना! 

पता तुम्हारा कोई न जाने
ऐसी तू पहचान न रखना! 

बात तुम्हारी समझ न आये, 
ऐसा मुंह में पान न रखना! 

तुम्ही सही हो सदा जो बोले, 
ऐसा मित्र नादान न रखना! 

तुझसे तेरे दूर हो जायें, 
इतना भी तू ज्ञान न रखना! 

पड़े जो चुनना दो में इक तो, 
घर रखना मकान न रखना! 

फुटपाथ पे खुशी बाटना, 
नफरत की दुकान न रखना! 

दिल हो जाये भारी भारी, 
इतने भी अरमान न रखना! 

पढ़ लिख के साहब बनना पर, 
मिलने में व्यवधान न रखना! 

---------------  तनु थदानी