लड़ने का सामान न रखना!
बुरी बात पे कान न रखना!
ऐसी तू पहचान न रखना!
बात तुम्हारी समझ न आये,
ऐसा मुंह में पान न रखना!
तुम्ही सही हो सदा जो बोले,
ऐसा मित्र नादान न रखना!
तुझसे तेरे दूर हो जायें,
इतना भी तू ज्ञान न रखना!
पड़े जो चुनना दो में इक तो,
घर रखना मकान न रखना!
फुटपाथ पे खुशी बाटना,
नफरत की दुकान न रखना!
दिल हो जाये भारी भारी,
इतने भी अरमान न रखना!
पढ़ लिख के साहब बनना पर,
मिलने में व्यवधान न रखना!
--------------- तनु थदानी
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