रविवार, 31 जनवरी 2016

tanu thadani तनु थदानी सजा होगी कि हम लाचारगी बच्चों की देखेंगे

न ये हिन्दू ; न ये मुस्लिम ; कभी भी बाज आयेंगे !
मरेंगे कुत्तों की भाँति ; ये क्या इलाज पायेंगे ?




बहत्तर हूर न होंगी ; न होंगी अप्सरा कोई ;
वहाँ इक शून्य होगा ; मंत्र न नमाज पायेंगे !




महज़ तुमको डराने को ;बना डंडा है ये ईश्वर ;
करो ये प्रण कि बिन डंडे का ; इक समाज लायेंगे !




तुम्हारे बाद की पीढ़ी हो मुक्त ; श्रेष्ठ के दंभ से ;
हमारे श्रेष्ठ ये मुमकिन ; बना क्या आज पायेंगे ?


जो हम सब गाय सुअर ; लाउडस्पीकर ; में रहे उलझे ;
तो हम बच्चों की मुस्कानों में ; खुजली खाज पायेंगे !




सजा होगी कि हम लाचारगी ; बच्चों की देखेंगे ;
जिन्हें हर सांस में हम ; धर्म का ; मोहताज पायेंगे !
------------------------ तनु थदानी



गुरुवार, 21 जनवरी 2016

tanu thadani तनु थदानी देर तलक

किसी की शक्ल पे नज़रें फंसी थी;देर तलक !
वफा के नाम पर रस्साकशी थी ; देर तलक !






मैं उसके जिस्म से गुजरा ;मगर इक रूह न मिली ;
वो मेरी इस शिकायत पे हंसी थी ; देर तलक !






भले गंवार मैं साबित हुआ ; अफसोस नहीं ;
जो मुझमें भोली सी उमर बची थी; देर तलक !




जो बूढ़ी माँ की हथेली घुली ;आशीष दे दे ;
वो माँ की लोरियां ;मुझमें बसी थीं; देर तलक !