मंगलवार, 13 जून 2023

तनु थदानी सुख शब्द नहीं अवस्था है

दीदी जब से तुम भाग गयी, मेरा विद्यालय छूट गया!
हर बेटी के बाबू जी का, बेटी पे भरोसा टूट गया  !

मैं छोटी बच्ची हूँ दीदी, मैं भाग्य के माने क्या जानु?
सब कहते गल्ती है तेरी, पर भाग्य मेरा ही फूट गया!

अब पापा रोते छिप छिप कर, माँ बूढ़ी बूढ़ी लगती है, 
तेरी ख्वाहिश का कोलाहल, सन्नाटा घर में कूट गया!

मुझको तो बनना था डाक्टर, वो मेरा अपना था सपना, 
तेरा सपना किस हक से आखिर, मेरा सपना लूट गया?

सुख शब्द नहीं अवस्था है, वो मिले तभी जब सब राजी, 
तुम पढ़ी लिखी हो समझाओ,कि घर से क्यूँ सुख रूठ गया ?
-----------------------------------   तनु थदानी

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