डरे सब कैमरे से ; रब से क्यूं न डरता है यारों !
अगर तुम मानते रब को ; वो देखा करता है यारों !
कि जिस रब ने दी बुद्धि ; दुनियां खूबसूरत दी ;
क्यूं उसकी चापलूसी में ;मारता ; मरता है यारों ?
तुम्हारे धर्म की पुस्तक ; सभी छलनी है सुंदर सी ;
यही सच है तो खुशियाँ ; क्यूं उसी से भरता है यारों ?
सफर तो पूछ लेते हैं ; हम हाथों की लकीरों से ;
मगर रस्ता तो खुद ही को ; बनाना पड़ता है यारों !
--------------------------- तनु थदानी
अगर तुम मानते रब को ; वो देखा करता है यारों !
कि जिस रब ने दी बुद्धि ; दुनियां खूबसूरत दी ;
क्यूं उसकी चापलूसी में ;मारता ; मरता है यारों ?
तुम्हारे धर्म की पुस्तक ; सभी छलनी है सुंदर सी ;
यही सच है तो खुशियाँ ; क्यूं उसी से भरता है यारों ?
सफर तो पूछ लेते हैं ; हम हाथों की लकीरों से ;
मगर रस्ता तो खुद ही को ; बनाना पड़ता है यारों !
--------------------------- तनु थदानी
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