शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

डरे सब कैमरे से

डरे सब कैमरे से,रब से क्यूं न,डरता है यारों !
अगर तुम मानते रब को,वो देखा,करता है यारों !

तुम्हारा रब तुम्हारा है, पिता सा, माँ सा, साथी सा,
क्यूं उसकी चापलूसी में,मारता ; मरता है यारों  ?


तुम्हारे धर्म की पुस्तक ; सभी छलनी है सुंदर सी ;
यही सच है तो खुशियाँ, क्यूं उसी से,भरता है यारों ?


सफर तो पूछ लेते हैं, हम हाथों की लकीरों से ;
मगर रस्ता तो खुद ही को,बनाना,पड़ता है यारों !
--------------------------- तनु थदानी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें