डरे सब कैमरे से,रब से क्यूं न,डरता है यारों !
अगर तुम मानते रब को,वो देखा,करता है यारों !
तुम्हारा रब तुम्हारा है, पिता सा, माँ सा, साथी सा,
क्यूं उसकी चापलूसी में,मारता ; मरता है यारों ?
तुम्हारे धर्म की पुस्तक ; सभी छलनी है सुंदर सी ;
यही सच है तो खुशियाँ, क्यूं उसी से,भरता है यारों ?
सफर तो पूछ लेते हैं, हम हाथों की लकीरों से ;
अगर तुम मानते रब को,वो देखा,करता है यारों !
तुम्हारा रब तुम्हारा है, पिता सा, माँ सा, साथी सा,
क्यूं उसकी चापलूसी में,मारता ; मरता है यारों ?
तुम्हारे धर्म की पुस्तक ; सभी छलनी है सुंदर सी ;
यही सच है तो खुशियाँ, क्यूं उसी से,भरता है यारों ?
सफर तो पूछ लेते हैं, हम हाथों की लकीरों से ;
मगर रस्ता तो खुद ही को,बनाना,पड़ता है यारों !
--------------------------- तनु थदानी
--------------------------- तनु थदानी
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