बात अगर व्यापार की हो,अक्ल को दोस्त बनाओ जी!
रिश्तेदारी में लेकिन बस, दिल के संग ही जाओ जी!
मिलने पर तबियत जो पूछे, ऐसे दोस्त बनाओ जी!
घर में बरतन होंगे तो, टकरायेंगे ओं खनकेंगे,
खुशी से हो जीवन जीना तो ,थोड़े गम भी खाओ जी!
एक निराशा, एक हताशा, क्या तुम से बलशाली है?
बाद सुबह के रात भी आती, रात को भी अपनाओ जी!
राजनीति को झगड़े - दंगो, संग गुजारा करना है,
तुम तो परिवारिक हो अपनी, जुबां पे मिश्री लाओ जी!
------------------------------ तनु थदानी
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