अगड़ी पिछड़ी ऊंच नीच, क्यूँ जाति में बंट जाना है?
हिंदू हो सब हिन्दू बोलो, क्या ये भी समझाना है??
गोधूलि के जाते जाते, आखिर घर तो आना है !
तेरे घर न आता सो तुम ,उसके घर न जाते हो,
रिश्ता न रखने का कोई, ये भी खाक बहाना है?
बे सुध सोने वालों को ,उनके हित में आवाजें दो,
सोने का नाटक जो करते, उनको नहीं जगाना है !
--------------------------------- तनु थदानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें