रविवार, 30 जून 2024

सुर्ख गालों पे आंखें लाल, ऐसा कौन करता है?


सुर्ख गालों पे आंखें लाल, ऐसा कौन करता है? 
किसे मारने निकले? वही जो तुम पे मरता है ?? 

चलो हम मान लेते हैं, कहीं कुछ तो हुआ होगा, 
हमारा सब्र भी नवजात, टूटने से डरता है  ! 

तुम्हीं ने चाल ढ़ाल बदले मेरे, खुद के मुताबिक़, 
न रहा पहले सा,ये,अब तुम्ही से सुनना पड़ता है! 

बिछड़ने की पढ़ाई से ही, हम थे फेल हो मिले, 
जहां हम फेल हों, ऐसी पढ़ाई, कौन पढ़ता है? 

तेरी खामोश लड़ाई की ,अदा पे ही  फिदा हैं,
बताये बिन किसी मुद्दे को, आखिर कौन लड़ता है? 

तुम्हारे रुठने भर से, ये मुद्दा हल नहीं होता, 
तुम्हारे रुठने से इश्क मेरा, और बढ़ता है! 
---------------------------  तनु थदानी



बुधवार, 26 जून 2024

बात अगर व्यापार की हो,अक्ल को दोस्त बनाओ जी!

बात अगर व्यापार की हो,अक्ल को दोस्त बनाओ जी! 
रिश्तेदारी में लेकिन बस, दिल के संग ही जाओ जी! 

वसीयत हैसियत पूछने वाले, बहुतेरे मिल जायेंगे, 
मिलने पर तबियत जो पूछे, ऐसे दोस्त बनाओ जी!

घर में बरतन होंगे तो, टकरायेंगे ओं खनकेंगे, 
खुशी से हो जीवन जीना तो ,थोड़े गम भी खाओ जी! 

एक निराशा, एक हताशा, क्या तुम से बलशाली है? 
बाद सुबह के रात भी आती, रात को भी अपनाओ जी! 

राजनीति को  झगड़े -  दंगो, संग गुजारा करना है, 
तुम तो परिवारिक हो अपनी, जुबां पे मिश्री लाओ जी! 
------------------------------  तनु थदानी


रविवार, 23 जून 2024

गलती तुम्हारी है

थे  सत्य पे फिर भी डरे, गलती  तुम्हारी  है! 
फिर कह रहे हो क्या करें,गलती तुम्हारी  है! 

जनम गरीबी में हुआ, न गलती तुम्हारी , 
अगर गरीबी में मरे, गलती तुम्हारी है  ! 

जाति व वर्ण धर्म में , तुम ही  बस श्रेष्ठ हो , 
ये बोल के जो तुम लड़े,गलती  तुम्हारी है! 

वो हज गया था, सो वो बे- ईमान न रहा, 
जो माना ये खड़े खड़े,गलती तुम्हारी है  ! 

जब देश हित से परे, जाति के संग खड़े,
अब लालू जो चारा चरे, गलती  तुम्हारी है! 

सात पुश्त तेरे वोट से, खुशहाल कर गया, 
हाथों पे हाथ हो धरे, गलती  तुम्हारी  है! 

जाति का सुरमा डाल के, आंखें निकाल लीं, 
उल्लू हो तुम इतने बड़े,  गलती तुम्हारी है! 

अपने ही घर में, अल्पसंख्यक बनते जा रहे, 
अब भी तो मान लो अरे, गलती तुम्हारी है!
------------------------  तनु थदानी

सोमवार, 17 जून 2024

वो मेरे पक्ष में ,यूँ ही नहीं आया होगा!

वो मेरे पक्ष में  ,यूँ ही नहीं , आया होगा! 
उसका भी कोई काम, निकल आया होगा! 

दिखी बारात में छाया , पुराने वस्त्रों में, 
जरुर बेटी के ही, बाप का, साया होगा! 

बड़ा भाई तुम्हारे जश्न में, शामिल नहीं था, 
तुमने शायद न सलीके से, बुलाया होगा! 

जान जाने को थी,प्यार से अंजान था वो
नफे नुकसान में ही ,वक्त गंवाया होगा! 

मिठाई भी तुम्हे मीठी नहीं ,लगी, तो फिर, 
मुझे शक है कि ,अकेले में ही खाया होगा! 

भला परिवार में शामिल हुआ वापिस वो कैसे, 
बुरे से वक्त ने ही उसको, समझाया होगा! 

था चुप ,समझ में आ गया, शासन को कैसे , 
क्या उसके मौन ने ही ढ़ोल, बजाया होगा? 

की बेटा दुध से ,खुश्बू से नहा खूब खिले, 
वो बाप रोज पसीने से  , नहाया होगा  ! 

पढ़ाई कर हमें ही छोड़ , अब जाते हैं बेटे, 
शायद हमने ही उनको, गलत पढ़ाया होगा! 
------------------------  तनु थदानी




मंगलवार, 11 जून 2024

नश्वर चीजों के खातिर हम, पूरा ही जीवन हैं लड़ते !

नश्वर चीजों के खातिर हम, पूरा ही जीवन हैं लड़ते  !
मटके में छेद है जान के भी, अन्जान बने पानी भरते! 
 
अब पैसे से आराम नहीं, इक खौफ का रुतबा आता है, 
बेटा पढ़ लिख अब कमा रहा, सो बाबू जी भी हैं डरते! 

इज्जत इंसान की न होती, जरूरत की इज्जत होती है
पेंशन न हो तो बाबूजी, मन मार के रोज मरा करते  ! 

हम अनपढ़ हैं, हमरे कारण ही, हिंदी भाषा बची हुई, 
वरना तुम अंग्रेजी पढ़ कर, तो राम- राम भी ना करते! 

ये गज़ब हमारे देश का भी, है  मौसम का अंदाज तनु, 
लू से तो न मरते जितने, पैसों की गर्मी से मरते!
-------------------------------  तनु थदानी

शनिवार, 8 जून 2024

अगड़ी पिछड़ी ऊंच नीच, क्यूँ जाति में बंट जाना है?

अगड़ी पिछड़ी ऊंच नीच, क्यूँ जाति में बंट जाना है? 
हिंदू हो सब हिन्दू बोलो, क्या ये भी समझाना है?? 

आसमान में उड़ने वालों , जमीं न भूलो बचे रहोगे, 
 गोधूलि के जाते जाते,    आखिर घर तो आना है  ! 

तेरे घर न आता सो तुम ,उसके घर न जाते हो, 
रिश्ता न रखने का कोई, ये भी खाक बहाना है? 

बे सुध सोने वालों को ,उनके हित में आवाजें दो, 
सोने का नाटक जो करते, उनको नहीं जगाना है  ! 
---------------------------------  तनु थदानी

शुक्रवार, 7 जून 2024

हम ही लाठी, हम कपास, खुद ही को कैसे धुनते ?

हम ही लाठी, हम कपास, खुद ही को कैसे धुनते ? 
ऊपर से ठंडे रहते , जीवन जीते जलते भुनते  ! 

गले मिला तो रीढ़ नहीं ,आंख कहीं तो नज़र कहीं, 
ऐसे रिश्तेदारों में फंस, हम भी तो पूरे सुन्न थे  ! 

ज्यादा पढ़े लिखे या मूरख , ज्यादा फर्क नहीं होता, 
दोनों इक जैसे हैं होते , दोनों किसी की न सुनते! 

जग जाहिर था चोर है वो,टोपी पहन के खड़ा हुआ, 
बात थी देश चलाने की तो, कैसे भला उसे चुनते ? 
-------------------------------  तनु थदानी

बुधवार, 5 जून 2024

सब जीरो हो जाना है

  मत कर तू अपनों से अनबन ,सब जीरो हो जाना      है! 
  जितना भी चमको तुम बन ठन,सब जीरो हो जाना    है! 

  गले में सोना,हाथ में सोना,सब ऊंगली में सोना          सोना, 
  अंत समय में सब कुछ छन छन,सब जीरो हो             जाना है! 

  मांसपेशियां खूब फुलाओ, कमजोरों को खूब            दबाओ, 
  जैसे छूटा सांस का दामन, सब जीरो हो जाना है! 

  मार के खाया,छीन के खाया,लूट के खाया,बीन के    खाया, 
  पूरा जीवन हाथी सा बन, सब जीरो हो जाना है  ! 

  शौहरत आयी,घमंड आ गया,पैसे पा के रोब छा        गया, 
  मौत का तुझ पे,ज्यों आया मन,सब जीरो हो जाना     है  ! 

  दौड़ लगाई ,जीते भी बन,नंबर वन, पर यहाँ              अंततः, 
  सब कुछ बस यूँ आनन फानन,सब जीरो हो जाना     है! 

  क्रीम लगाओ, खूब छिपाओ, झुर्री और लकीरों        को, 
  उम्र बढ़ेगी, घटेगा जीवन,सब जीरो हो जाना है  ! 

  पूरा जीवन प्लाट खरीदे, फुट में, गज में, बीघे बीघे, 
  चिता पे लेटेगा छे फुट बन, सब जीरो हो जाना है  ! 
   --------------------------------------  तनु थदानी

रविवार, 2 जून 2024

इक अपनों की लिस्ट बनाओ !

इक अपनों की लिस्ट बनाओ ! 
उनमें अपना ढ़ूंढ़ बताओ  ! 

एक भी अपना मिल जाये तो, 
ईश्वर का आभार जताओ  ! 

दिल से जो हैं कायम होते , 
उन रिश्तों के ही बन जाओ  ! 

जरुरत से जो बनते रिश्ते, 
हरगिज़ उनको मत अपनाओ  ! 

दुनियाँ में हम सब राही हैं, 
चलते, आते जाते जाओ  ! 

बुद्धिमान तो व्यस्त मिलेंगे, 
बस नादां इक दोस्त बनाओ! 
-----------  तनु थदानी