धूप ले के सिलवटें, आ गयी आंगन !
तुम तो मेरे पास हो, आवाज की तरह,
मैं भी संग हूँ तुम्हारे, बन तेरा यौवन !
इस जमाने की अदाओं, ने मुझे लूटा,
बस रुहानी प्यार से ही, भर मेरा दामन!
एक तू और एक मैं, बस हो यही दुनिया,
एक हो अहसास, न हो, दरमियाँ ये तन!
---------------------------- तनु थदानी
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