गुरुवार, 29 फ़रवरी 2024

एक हो अहसास

आते ही तेरे खुश्बू से,भर गया है मन  ! 
धूप ले के सिलवटें, आ गयी आंगन  ! 

तुम तो मेरे पास हो, आवाज की तरह, 
मैं भी  संग हूँ  तुम्हारे, बन तेरा यौवन ! 

इस जमाने की अदाओं, ने मुझे लूटा, 
बस रुहानी प्यार से ही, भर मेरा दामन! 

एक तू और एक मैं, बस हो यही दुनिया, 
एक हो अहसास, न हो, दरमियाँ ये तन! 

----------------------------  तनु थदानी




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें