शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2024

माँ वो होती है

पचासो बार माथा चूमती है, माँ वो होती है! 
खिलाने खाना दिन भर घूमती है, माँ वो होती है! 

कभी ताबीज लाती है, टीका काला लगाती है, 
जो बच्चा हंस पड़े तो हंस दे, रोये तो रोती है! 

कि जब तक जागता बच्चा, सीने से लगा जागे, 
बच्चा सो भी जाये माँ तो, आंखें खोल सोती है! 

यही है प्रेम की पराकाष्ठा, गहराई प्रेम की, 
किसी मूरत को काया दे के अपनी, काया खोती है! 
----------------------------------  तनु थदानी

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