रट्टा मार के हिल हिल कर ये, कैसे कागज़ पढ़ता है!
हूर मिलेगी, बोल के, खुद पे, बम लपेट के मरता है!
खुदा मिलेगा पढ़ नमाज,अजी ये सब फर्जी बातें हैं,
ओट में सजदे ओं अजान के, काले धंधे करता है!
खुद की नज़रें पाक नहीं, बुर्के में औरत बंद किया,
अपनी गंदी नीयत पर फिर, नाम खुदा का धरता है!
पीर फ़कीर मजार ओं फिरके,सब जेहाद के प्यादे हैं,
सब उसके जैसे हो जायें, इसी लिये वो लड़ता है!
------------------------------- तनु थदानी
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