रविवार, 26 अक्तूबर 2014

tanu thadani तनु थदानी यहाँ पे सब ही ज्ञानी हैं

किसी को राम के अवगुण कहो तो ,चिढ़ वो जाता है !
किसी को ये कहो अल्लाह नहीं है , भिड़ वो जाता है !

कहीं  वो  भूल  न  जाये , वो  हिन्दू है , इस भारत में ,
तभी  तो  श्राद्ध  में  वो  डाक्टर , पंडे   खिलाता  है !

कभी  जकात  के  खर्चे  का  ब्योरा , माँग कर देखो ,
सुनोगे , दोस्त हो काफिर के जो ,ये सब सिखाता है !

कोई भगवा पहन खुश है , तो कोई टोपी जालीदार,
हमें  इक  वेष  में  वो  टांक  कर , उल्लु  बनाता है !

सबों  के  पास अपने मतलब वाले , ज्ञान सी शै है ,
यहाँ पे सब ही ज्ञानी हैं ,क्यूँ 'तनु ' सिर खपाता है ?

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