मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025

तफ्तीश पूरी हो गयी, बस हाल चाल रह गया

तफ्तीश पूरी हो गयी, बस हाल चाल रह गया ! 
सब मिला, इक तू न मिली, ये मलाल रह गया ! 

हो गये बरसों, जेहन में, नाम तेरा घुल गया, 
याद में ,शरम भरा, गुलाबी गाल रह गया  ! 

हाथ छूटा, साथ छूटा ,नाव छूटी, घाट छूटा, 
दुख यही कि आंखों में, एक बाल रह गया  ! 

सब हराम शै बिकी थी, प्यार के बाजार में, 
बिक गईं सब बोटियाँ तक, दिल हलाल रह गया  ! 

हर शहर रंगीन था, हर कोई खुद में लीन था, 
तेरे बगैर ये मुआं, जीवन निढ़ाल रह गया  ! 
----------------------- तनु थदानी

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