रविवार, 5 अक्टूबर 2025

मैं तुमसे दूर जा रहा हूँ , *दम ब दम!

मैं तुमसे दूर जा रहा हूँ , *दम ब दम! 
दरम्यां कुछ तो है छूटा , जो छूटे हम ! 

पानी से ,नमक को अलग कर ,खुश हुए, 
समन्दर है कि अभी तक भी न, हुआ *अदम  ! 

वफ़ा इस दौर में तो ,वाहियात बातें हैं, 
बेवजह इश्क़ में क्यों आंखें ,कर रहे हो नम  ! 

गमों को गूंथ के जाती नहीं, खुशियाँ पकाई, 
करोगी क्या भला, जमा किये, जो रंजो ग़म  !

जो तेरी यात्रा थी देह से , मेरे गुजरी, 
शिकायत है लबों पे क्यूं , जो मिले न हम! 
*लगातार
*अस्तित्व हीन
----------------------- तनु थदानी

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