मंगलवार, 27 मई 2025

किसी ने सच कहा


किसी  ने  सच  कहा 


कभी हम  शक्ल  की  हर सिलवटों  पे, उलझे  जाते  हैं  !
कभी   परछाइयों    को   नाप , रस्ता    भूल   जाते   हैं !

जिन्होंने   बालपन  में  प्यार  से ,  जो -जो  रटाया   था ,
सभी  कुछ  याद   रखते   हैं  , उन्ही  को   भूल जाते  हैं !

हमारे   पास  घर  होता  है ,  माँ   होती   है ,  पापा   भी, 
उन्ही  के घर के अन्दर  क्यूँ , अलग  इक  घर बनाते  हैं ! 

किसी  ने  सच  कहा  की   दिल में, कब्रिस्तान  बनाओ , 
की दफना उसमे गलती प्रियजनो  की ,सुख जो  पाते हैं !

ग़मों  की  बारिशों  में   है  ये  वादा ,   तुम  ना   भींगोगे, 
तुम्हारे  हाथ   में  जब  तक  , अग़ज़लों  के  छाते  हैं !
--------------------------------------  तनु थदानी

हो जहाँ न आदर,जाना मत !

हो जहाँ न आदर,जाना मत !
जो सुने नहीं,समझाना मत!

पैसे से हो या,मुफत का हो,
जो पचे नहीं, वो खाना मत!

जो सत्य पे रूठे, याद रखो,
ऐसे लोगों को मनाना मत !

जो माँ की इज्जत करे नहीं,
उस से  तो हाथ, मिलाना मत!

सुन कर पीछे से, हंस देंगे
दुख अपने कभी,बताना मत!

ईश्वर तेरा, पूजा तेरी, 
बस धरम को बीच फसाना मत!
----------------- तनु थदानी