किसी ने सच कहा
कभी हम शक्ल की हर सिलवटों पे, उलझे जाते हैं !
कभी परछाइयों को नाप , रस्ता भूल जाते हैं !
जिन्होंने बालपन में प्यार से , जो -जो रटाया था ,
सभी कुछ याद रखते हैं , उन्ही को भूल जाते हैं !
हमारे पास घर होता है , माँ होती है , पापा भी,
उन्ही के घर के अन्दर क्यूँ , अलग इक घर बनाते हैं !
किसी ने सच कहा की दिल में, कब्रिस्तान बनाओ ,
की दफना उसमे गलती प्रियजनो की ,सुख जो पाते हैं !
ग़मों की बारिशों में है ये वादा , तुम ना भींगोगे,
तुम्हारे हाथ में जब तक , अग़ज़लों के छाते हैं !
-------------------------------------- तनु थदानी