हो जहाँ न आदर,जाना मत !
जो सुने नहीं,समझाना मत!
पैसे से हो या,मुफत का हो,
जो पचे नहीं, वो खाना मत!
जो सत्य पे रूठे, याद रखो,
ऐसे लोगों को मनाना मत !
जो माँ की इज्जत करे नहीं,
उस से तो हाथ, मिलाना मत!
सुन कर पीछे से, हंस देंगे
दुख अपने कभी,बताना मत!
ईश्वर तेरा, पूजा तेरी,
बस धरम को बीच फसाना मत!
----------------- तनु थदानी
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