उनमें अपना ढ़ूंढ़ बताओ !
एक भी अपना मिल जाये तो,
ईश्वर का आभार जताओ !
दिल से जो हैं कायम होते ,
उन रिश्तों के ही बन जाओ !
जरुरत से जो बनते रिश्ते,
हरगिज़ उनको मत अपनाओ !
दुनियाँ में हम सब राही हैं,
चलते, आते जाते जाओ !
बुद्धिमान तो व्यस्त मिलेंगे,
बस नादां इक दोस्त बनाओ!
----------- तनु थदानी
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