मंगलवार, 24 दिसंबर 2013

tanu thadani क्या ये सियासत है तनु थदानी

खुद  ही  का  घर  है लूटता ,क्या  ये  सियासत  है ?
अपनों  का  साथ  छूटता ,  क्या  ये  सियासत  है ?

आते   चुनाव   आदमी    का  , जिस्म   ओं  ज़मीर,
इक   बुलबुले   सा  फूटता , क्या  ये  सियासत है ?

सौ   दिन   में   गरीबी   हटायेंगे   कहा   था   ये,
सचमुच ही वो सब  झूठ  था ,क्या ये सियासत है ?

हमने  जगह   दी   पलकों  पे , पर   यहाँ   उनका ,
सर  पे  हमारे   बूट था  , क्या  ये  सियासत  है ?

वोटर  फटी  कमीज  में  ,  नेता  जी   सदन   में ,
उनके  बदन  पे  सूट  था ,क्या  ये  सियासत है ?

मेहनत  की   पेट  बांध  के , रुपया  गया  गिरता ,
सब  कह रहें  थे भूत था , क्या  ये सियासत है ?

कुत्ते  ने  काटा , जब  की  मैं , बैठा  था  ऊंट   पे ,
 ये किस तरह का ऊंट था ,क्या  ये  सियासत है ?

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