हो गया बहुत कमाना,चलो,अब घर को चलते हैं!
नहीं और दूर न जाना, चलो,अब घर को चलते हैं!
हमारी मर्जियां, तो खुद हमारी, सांसे न माने,
चलेगा अब न बहाना, चलो,अब घर को चलते हैं!
सुना है शहर में तेरा ,घर बिस्तर है सब छोटा,
तू अपने पैर फैला ना,चलो,अब घर को चलते हैं!
कहीं बे शक्ल आवाजों की, बातों में न आ जाना,
नहीं मन और भटका ना,चलो,अब घर को चलते हैं!
तुम्हारे गांव में तुमको, सब, तेरे नाम से जाने,
यही बस सबको बताना, चलो,अब घर को चलते हैं!
---------------------------------- तनु थदानी
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