जेवर हिंदू धर्म हमारा, तेवर हिंदुस्तान है !
दोनों संभालेंगे हम ही, ये भी हमको भान है!
नाली के कीड़ों को जैसे, अच्छी दुनियां न भाती,
चिपके रहना इक किताब से, ये इनकी पहचान है !
जिसने धर्म के खातिर मेरे,देश के टुकड़े कर डाले,
ऐसा मजहब हो या गाली,दोनों एक समान है !
गंगा मेरी जमुना मेरी,हिंदी उर्दू तहजीबें भी,
वो जेहाद में जान पालता, भारत मेरी जान है!
राष्ट्र गान में खड़ा नहीं जो, राष्ट्र वंदना करे नहीं,
नहीं वो भाई मित्र हमारा, ये भी हमको ज्ञान है!
अगर न चेते, बढा आबादी, घर तेरा हथिया लेगा,
कहा है थोड़ा बहुत समझना,तेरा हिंदुस्तान है !