सैफई वाले नाच को, संस्कृति बताया,
वोटों के लिए रामभक्त, मार गिराया !
ऐसा जो बना, वैसा, पैसा क्यूँ नहीं आया ??
अफसर थे परेशान, बाकी का क्या लिखें,
उन चार में था तीन तो, कागज पे बनाया !
हम तो डकैत थे, यूँ ही चुनाव लड़ के फिर,
डकैती को राजनीति में, व्यवहार कराया!
ये ही है खूबसूरती,समाजवाद की,
पूरे घर व रिश्तेदार को, चुनाव लड़वाया !
---------------------- तनु थदानी
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