बुधवार, 21 अगस्त 2024

सुर खुद का न लगे, कहे गाना खराब है !


सुर खुद का न लगे, कहे गाना खराब है ! 
श्रोता ही न बेहतर, ये, बहाना खराब है  ! 

चालाकियाँ व हेरफेर,कर के फंसा स्वयं, 
अब बीच में भगवान को, लाना खराब है  ! 

इज्जत न मिली क्यों कि, सब को पता था, 
पैसे का उसके पास यूँ, आना खराब है  ! 

कर के गबन थी थोक की, दुकान खोल दी, 
 कितना किया कैसे ये,  बताना खराब है  ! 

उसने कहा कि सबको ,मिला के किया गबन, 
फिर थाना या फिर कोर्ट में, जाना खराब है  ! 

दे के उधारी जब वसूली, हो नहीं पायी , 
अब कह रहा हैं सबको, जमाना खराब है  ! 
---------------------- तनु थदानी





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