सोमवार, 12 अगस्त 2024

शातिर है आबादी बढ़ा, शरियत पे अड़ेगा!

शातिर है आबादी बढ़ा, शरियत पे अड़ेगा! 
गरं फंस गया तो मुख से, संविधान झड़ेगा! 

हिन्दू कहीं कोई पिट रहा ,वो मानता नहीं, 
बुद्धिजीवी है  इस बात पे ,कुतर्क करेगा! 

जब तक  अकारण ही , खुद नहीं पिटता,  
बुद्धिजीवी है, सो कुटने के ,बाद  डरेगा ! 

विश्व में बस एक ही, बदनाम कौम है, 
जो आश्रय देगा, उसी के हाथों मरेगा! 

जिसकी भी जमीं पे गया ,संस्कृति  खा गया, 
नीयत में बस जेहाद है, तो क्यों न लड़ेगा  ? 




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