दुःखी तो खुश दिखे वो, इसलिए ही मुस्कुराता है!
कहीं तुम जान न जाओ, सो तुमको भी हँसाता है!
खिलौने छोड़ मेरे दिल से जो, खेला है तू, तब से,
मेरे भीतर का बच्चा, तिलमिलाता, टूट जाता है!
सूकूं तो नींद लंबी में ही है , जो मौत कहलाती
सभी दुख जागने में हैं, यही जीवन बताता है !
यहाँ ये जान के साजिश में शामिल,खुद की छाया है,
उसी के साथ में फिर भी, पूरा जीवन बिताता है!
तमाशा कौन करे, घर न बिखरे, इसलिये तनु ,
सलीके से सभी गम , मुस्कुराहट में छिपाता है !
-------------------------- तनु थदानी
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