शनिवार, 19 अक्टूबर 2024

तमाशा कौन करे,

दुःखी तो खुश  दिखे वो, इसलिए ही मुस्कुराता है! 
कहीं तुम जान न जाओ, सो तुमको भी हँसाता है! 

खिलौने छोड़ मेरे दिल से जो, खेला है तू, तब से, 
मेरे भीतर का बच्चा, तिलमिलाता, टूट जाता है! 

सूकूं तो नींद लंबी में ही है , जो मौत कहलाती
सभी दुख जागने में हैं, यही जीवन बताता है  ! 

यहाँ ये जान के साजिश में शामिल,खुद की छाया है, 
उसी के साथ में फिर भी, पूरा जीवन बिताता है! 

तमाशा कौन करे, घर न बिखरे, इसलिये तनु  , 
सलीके से सभी गम , मुस्कुराहट में छिपाता है  ! 
-------------------------- तनु थदानी











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