सुर खुद का न लगे, कहे गाना खराब है !
श्रोता ही न बेहतर, ये, बहाना खराब है !
चालाकियाँ व हेरफेर,कर के फंसा स्वयं,
अब बीच में भगवान को, लाना खराब है !
इज्जत न मिली क्यों कि, सब को पता था,
पैसे का उसके पास यूँ, आना खराब है !
कितना किया कैसे ये, बताना खराब है !
उसने कहा कि सबको ,मिला के किया गबन,
फिर थाना या फिर कोर्ट में, जाना खराब है !
दे के उधारी जब वसूली, हो नहीं पायी ,
अब कह रहा हैं सबको, जमाना खराब है !
---------------------- तनु थदानी