बुधवार, 21 अगस्त 2024

सुर खुद का न लगे, कहे गाना खराब है !


सुर खुद का न लगे, कहे गाना खराब है ! 
श्रोता ही न बेहतर, ये, बहाना खराब है  ! 

चालाकियाँ व हेरफेर,कर के फंसा स्वयं, 
अब बीच में भगवान को, लाना खराब है  ! 

इज्जत न मिली क्यों कि, सब को पता था, 
पैसे का उसके पास यूँ, आना खराब है  ! 

कर के गबन थी थोक की, दुकान खोल दी, 
 कितना किया कैसे ये,  बताना खराब है  ! 

उसने कहा कि सबको ,मिला के किया गबन, 
फिर थाना या फिर कोर्ट में, जाना खराब है  ! 

दे के उधारी जब वसूली, हो नहीं पायी , 
अब कह रहा हैं सबको, जमाना खराब है  ! 
---------------------- तनु थदानी





सोमवार, 12 अगस्त 2024

शातिर है आबादी बढ़ा, शरियत पे अड़ेगा!

शातिर है आबादी बढ़ा, शरियत पे अड़ेगा! 
गरं फंस गया तो मुख से, संविधान झड़ेगा! 

हिन्दू कहीं कोई पिट रहा ,वो मानता नहीं, 
बुद्धिजीवी है  इस बात पे ,कुतर्क करेगा! 

जब तक  अकारण ही , खुद नहीं पिटता,  
बुद्धिजीवी है, सो कुटने के ,बाद  डरेगा ! 

विश्व में बस एक ही, बदनाम कौम है, 
जो आश्रय देगा, उसी के हाथों मरेगा! 

जिसकी भी जमीं पे गया ,संस्कृति  खा गया, 
नीयत में बस जेहाद है, तो क्यों न लड़ेगा  ? 




सोमवार, 5 अगस्त 2024

दुख के सारे कारण भी तो, पैदा किये हम ही ने हैं


दुख के सारे कारण भी , पैदा किये हम ही ने हैं! 
रिश्तों के जेवर न सम्भाले ,कंकड़ पत्थर बीने हैं! 

मिले नहीं तो सब्र नहीं, मिल जाये तो कद्र नहीं, 
सीधे सीधे बोलूं तो हम, इंसा बड़े कमीने हैं  ! 

बिन मुहर्त ही पैदा होते, मरते बिना मुहुरत ही, 
पूरा जीवन मुहर्त पीछे ,भागे अकल से झीने हैं! 

रहना उसी को आता है, सहना जिसको हैआता , 
वरना जीवन क्या है, बस, सांसो के टुकड़े सीने हैं!