बुधवार, 31 जुलाई 2024

ये उम्र का सिलबट्टा सबको, इक दिन चटनी कर जायेगा

ये उम्र का सिलबट्टा सबको, इक दिन चटनी कर जायेगा,
रूतबा व जाति रंग धरम,सब पिस के ढेर लगायेगा  ! 

हर बच्चा काफिर होता है, माँ को भगवान समझता है,
है सीधी सच्ची बात मगर वो, इसको व्यंग्य बतायेगा  ! 

मैं झूठ भी बोला करता हूँ, कभी पूछ के देखो हाल मेरा, 
सच बोल किसी को दुखी करूँ, ये मुझसे न हो पायेगा  !

सब कहते सबों से बेहतर हूँ, न जिद करता न रुठता हूँ, 
मालूम है सच ,जो  रूठुंगा, कोई भी नहीं मनायेगा  ! 

मतलब की टोपी पहन के जब,इज्जत के कपड़े भूला वो, 
नंगा क्या भला निचोड़ेगा,नंगा क्या भला नहायेगा  ? 

देता न किसी को पुण्य दगा, होता ही नहीं है पाप सगा, 
जो कर्म की है पूजा करता, क्या धर्म उसे ठग पायेगा! 
----------------------- तनु थदानी


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