जो नाप तौल के किया,वो प्यार नहीं है !
बेशक सोने चांदी से ,जीवन को सजा ले,
गर माँ नहीं जीवन में तो, श्रंगार नहीं है!
नेता हो या फकीर या,अमीर क्यूँ ना हो,
कोई नहीं जो माँ का, कर्जदार नहीं है!
अपने ही हैं , कोई भी, शातिर नहीं लगता,
कोई तो मान लो कि हम, बीमार नहीं हैं!
बस चापलूसी न थी, सो ईनाम न मिला,
बस कह दिया कविताएँ धारदार नहीं है!
---------------------- तनु थदानी
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