बाहों में नशे की, झुलाया जा रहा उसे !
दिल्ली को बता दो, सुलाया जा रहा उसे!
वो खुश है,फिर से,सजाया जा रहा उसे!
ऐसा नहीं कि योग्यता है, उसमें कार्य की,
मुकाबला ही शून्य, तो लाया जा रहा उसे!
मुफत के जोश में, नज़र पिंजड़े नहीं आते,
चूहों में जश्न है, खिलाया जा रहा उसे !
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