रविवार, 28 अप्रैल 2024

मेरे लहजे में तू है, कैसे मैं छिपाऊँगा?

मेरे लहजे में तू है, कैसे मैं छिपाऊँगा? 
तेरे बगैर बता ,कैसे मैं रह पाऊंगा  ? 

कभी आंसू के बहाने, मैं तेरी आंखों में था  , 
अभी बन के मैं काजल,आंखों को सजाऊंगा! 

तुम्हारी धड़कनों में, मैं बसा हूँ स्वर बन के, 
तुम अगर छोड़ दोगी, तो मैं कहाँ जाऊंगा? 

महज़ कतरे सा मुझे, सांस के कतरे में रखो,
मैं तुझमें आऊंगा ,जाऊंगा, मुस्कुराऊँगा  ! 

------------------------------  तनु थदानी

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