जो तुम्हे रुठने पे हंस हंस के मनायेगा !
वो बिना इत्र ही माहौल महका जायेगा !
पर ये सच बताओ, कौन सुनना चाहेगा?
जो तुमने मान या अपमान, दिया लोगों को,
तुम्हारे पास ही वो, लौट लौट आयेगा !
दुखों में सुख भी होगा जज्ब,खोजो तो सही,
मगर इस बात को, कोई नहीं बतायेगा !
मुश्किल से मिले जो, वो होती इज़्ज़त है,
आसानी से तो धोखा ही, मिल पायेगा !
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