सोमवार, 27 मई 2024

जब ग्लेशियर आवेग का, बिस्तर पे पिघलता!

जब ग्लेशियर आवेग का, बिस्तर पे पिघलता! 
सिरहाने दुबका प्रेम तो बस, हाथ है मलता  ! 

बेहद उथल पुथल है, इक पागल सा शोर है, 
आवेग और खुमार में, क्या प्यार है पलता  ? 

ना  घटता न बढ़ता ,यही है सच का तक़ाज़ा  ! 
रबड़ सा झूठ है होता, सदा आकार बदलता  ! 

हमारे पास शिद्दत के सिवा कुछ भी नहीं यारों, 
सिवाय हौसले के संग मेरे, कोई न चलता  ! 

वैसे तो तुम भी आदमी, मेरी तरह हो दोस्त, 
व्यवहार में है ओहदे का , संग बस खलता  ! 
----------------------- तनु थदानी



गुरुवार, 23 मई 2024

रट्टा मार के हिल हिल कर ये, कैसे कागज़ पढ़ता है!

रट्टा मार के हिल हिल कर ये, कैसे कागज़ पढ़ता है! 
हूर मिलेगी, बोल के, खुद पे, बम लपेट के मरता है! 


खुदा मिलेगा पढ़ नमाज,अजी ये सब फर्जी बातें हैं, 
ओट में सजदे ओं अजान के, काले धंधे करता है! 


खुद की नज़रें पाक नहीं, बुर्के में औरत बंद किया, 
अपनी गंदी नीयत पर फिर, नाम खुदा का धरता है! 

पीर फ़कीर मजार ओं फिरके,सब जेहाद के प्यादे हैं, 
सब उसके जैसे हो जायें, इसी लिये वो लड़ता है! 

-------------------------------  तनु थदानी

गुरुवार, 16 मई 2024

बाहों में नशे की, झुलाया जा रहा उसे !

बाहों में नशे की, झुलाया जा रहा उसे  ! 
दिल्ली को बता दो, सुलाया जा रहा उसे! 

मकान को मालूम नहीं , बिक चुका है वो, 
वो खुश है,फिर से,सजाया जा रहा उसे! 

ऐसा नहीं कि योग्यता है, उसमें कार्य की, 
मुकाबला ही शून्य, तो लाया जा रहा उसे! 

मुफत के जोश में, नज़र पिंजड़े नहीं आते,
चूहों में जश्न है, खिलाया जा रहा उसे !


शनिवार, 11 मई 2024

मुंह में जो जुबां है वो, तलवार नहीं है!

मुंह में जो  जुबां है वो, तलवार नहीं है! 
जो नाप तौल के किया,वो प्यार नहीं है  ! 

बेशक सोने चांदी से ,जीवन को सजा ले, 
गर माँ नहीं जीवन में तो, श्रंगार नहीं है! 

नेता हो या फकीर या,अमीर क्यूँ ना हो, 
कोई नहीं जो माँ का, कर्जदार नहीं है! 

अपने ही हैं , कोई भी, शातिर नहीं लगता, 
कोई तो मान लो कि हम, बीमार नहीं हैं!  

बस चापलूसी न थी, सो ईनाम न मिला, 
बस कह दिया कविताएँ धारदार नहीं है! 
----------------------  तनु थदानी