शनिवार, 14 अप्रैल 2012

इक बार मेरी माँ से कोई ,पूछ के देखे hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी }इक बार मेरी माँ से कोई ,पूछ के देखे !



रब  ने  रचाया  खेल  ये  ,रिश्ते  हमे  दे  के !
संभालते  हैं  यूँ  की  मुर्गी ,अण्डों  को  सेके!


कैसे  उगे हैं  दिल  पे  ये ,शिकवों  के  बगीचे ,
किसने  शकों  के  बीज ,इतने  यहाँ   फेंके ?


मैं  दूर  हूँ घर  से मगर ,हर इक  से जुड़ा हूँ ,
बस आउंगा प्यारे  शहर,खुशियाँ  नई ले के !


किसने कहा कि कोई  मुझे ,प्यार  ना करता ,
इक बार  मेरी  माँ से  कोई  ,पूछ  के  देखे !

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