शुक्रवार, 14 नवंबर 2025

यहाँ जो डगमगायेगा

यहाँ जो डगमगायेगा
यहाँ जो डगमगायेगा, यकीनन डूब जायेगा! 
समन्दर है ये इश्क़, हर लहर पे घर बनायेगा ! 

कभी न छोड़ के जाना, मेरी सांसों में रम जाना, 
सिवा तेरे मेरे दिल में, न कोई और आयेगा  ! 

चाहे जो बुरा होगा, बुरे से जो जुड़ा होगा, 
जो तेरा हाथ मेरे हाथ हो , सब टल ही जायेगा! 

ख्वाहिश का पुलिंदा है, यहाँ पे जो भी जिंदा है,
मेरी तो ख्वाहिश ही है एक, कि तू मुस्कुराये जा  ! 

समूची यात्रा में अंत तक,कितनों का दिल जीता
यही बस याद रख, सबकुछ, जमाना भूल जायेगा!
-------------------------------  तनु थदानी

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