शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015

tanu thadani तनु थदानी जो भूले खु़दा को

आये तो फूल बन मगर ; हो शूल गये हम !
छोड़ी जमीन ; हेकड़ी में ; झूल गये हम !


चेहरे पे ; बदन बुद्धि पे ; क्यूं नाज हम करें ;
दुनियां से गये ; जब गये ; समूल गये हम !


रहने के लिये देश ; शहर ; घर बनाया फिर ;
औक़ात में रहने की अदा ; भूल गये हम !


जो भूले ख़ुदा को तो ; यूं औक़ात बतायी ;
दो पल के जलजले से ही ; हो धूल गये हम !
------------------------ तनु थदानी

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 16 अप्रैल 2016 को लिंक की जाएगी ....
    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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