बुधवार, 22 जनवरी 2025

अपने बच्चों के सपनों को , बूढ़े न हो जाने दो

सास की बातों के मतलब भी ,एक से अधिक बताने दो!
बहु को अपने पढ़े लिखे का, होना भी दर्शाने दो !

सबकी सांसे अलग अलग हैं, इक दूजे से जुड़ कर भी,
परिवार के इस जादू को, बच्चों को अपनाने दो !
 
खाना खा जो यौवन पाया, यौवन बेच के खाना खाया,
जिस्म पेट की भूख से ऊपर, अपना जीवन आने दो !

खुश रहने का मतलब,ये नहीं होता,सब कुछ ठीक ही है, 
जनम तुम्हारा हुआ ये क्यूँ, ये जानों, बाकी जाने दो! 

लिख के पढ़ के,नौकर बन के,किस्तों में घर कार लिया, 
अपने बच्चों के सपनों को ,  बूढ़े न हो जाने दो !

सिल सिल के, बातों के सिलसिले, मकड़े सा बन जायेगा,
मन को मौन में डुबा के ऊपर, हल्के हो कर आने दो!

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