हमें हिन्दू कहो ,या फिर यहाँ पे,कह लो बेचारा!
मगर ये फख्र है हुसैन को, हमने नहीं मारा !
मगर ये फख्र है हुसैन को, हमने नहीं मारा !
हमें काफिर कहो या कुछ, मगर हम आदमी तो हैं,
टोपी दाढ़ी फतवों में छिपा, चेहरा न हमारा !
यहाँ कश्मीर से बे घर हुए ,हर हिंदू के आंसू,
तुम्हें बर्बर बताते हैं, तुम्हें इंसान न प्यारा !
महज इस्लाम के तुम हो, महज इस्लाम तेरा है,
यही है फर्क कि भारत हैं हम, भारत है हमारा !!
यही है फर्क कि भारत हैं हम, भारत है हमारा !!