सोमवार, 5 मई 2014

tanu thadani तनु थदानी खुदा है बाप हम सबका

कोई तुमको,कोई मुझको ,इक दूजे से डराता है !
कहीं हम एक ना हो जायें , वो इससे खौफ़ खाता है !

कोई बोले जो वंदे मातरम,न बोलना, समझो ,
तुम्हारी माँ की वो इज्जत न करता , ये बताता है !

मुसलमां क्या,वो इंसा तक, भी होने के नहीं काबिल,
बता के अल्लाह की मर्जी,जो गोली को  चलाता है !

खुदा है बाप हम सबका , उसे रिश्वत न लागे है ,
मगर इंसान लड्डू चादर का  ,मस्का लगाता है !

हमारे देश के आंसू , अजायबघर में रक्खे हैं ,
मेरी आंखों में सुख का ऐसा सपना , झिलमिलाता है !

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