गुरुवार, 27 फ़रवरी 2014

tanu thadani. तनु थदानी चाहे मैं हिन्दू मुस्लिम तुम

तुम इत्र लगाओ हम कुमकुम  !
इक  जैसे ही तो हैं हम - तुम  !

हम  रोते  भी  तो इक  सा हैं ,
चाहे  मैं  हिन्दू  मुस्लिम  तुम  !

हंसते  हैं  हंसी भी इक जैसी ,
मरते   हैं  तो  हो  जाते  गुम  !

बुद्धु  हैं  तभी   तो शासक  ने,
माना  हमको बस एक हुजुम !

जब शक्ल  हमारी  इंसा  सी ,
आदत से क्यूँ  कुत्ते की दुम  !





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