मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

वो हमसे प्यार है करता hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },

कोई   भी  बुत  मेरे  साहेब  को , ना  साकार  कर   पाये  !
मुझे    तो  जर्रे- जर्रे   में   , मेरा  साहेब   नजर    आये  !

न  हमसे   पूछ  कैसे   खुद को   ही , हम  नोंच  खाते  हैं ,
धरम  का  मांस  हम में   भूख , आदम  वाली  ललचाये !

बना  मंदिर , बना   मस्जिद ,जो  करते   चापलूसी  हम ,
मेरा  साहेब  हमारी  अक्ल  पे , हँस - हँस   के मुस्काये !

भला   कोई  पिता  क्यूँ  चाहेगा  कि  , उसका  ही  बच्चा ,
करम  को  छोड़ - छाड़  कर , पिता  के  गुण  भला   गाये  !

किया   जीवन  को  ही  पैदा  ,मगर  मस्ती    नहीं  पायी ,
ना अब तक सम  हुये  हम सब ,ना  खुद को भोग ही पाये !

मेरे  साहेब  ने  हम  सबको  बताओ , क्यूँ   यहाँ  भेजा  ?
भला  क्या  इसलिये  कि सारी  बगिया  ख़ाक  कर  जायें !

वो  हमसे  प्यार  है  करता ,वो  सब तक  आ  नहीं  पाता , 
तभी  तो  माँ  बनाई  ताकि , हर  इक  तक  पहुँच  पाये  !





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