बुधवार, 5 दिसंबर 2012

अब भी दो कौड़ी के नेता hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },


हाथ  जोड़  कर घर - घर जा  कर , वोट  मांगता   वादा  देता !
कपड़े   तेरे    खोल  ये  देगा , अगर   नहीं  तू  अब  भी  चेता  !

बचपन  में   थी  सुनी  कहानी ,दाना - जाल  - शिकारी  वाली ,
लेकिन है  अफ़सोस  की  उससे ,कोई  अब  भी सीख  न लेता ! 

हाट   हमारे  , फल   भी  अपने  , बेचेगें  अब    बाहर   वाले ,
रोयेगा   उपजाने  वाला  ,   और   लुटेगा   यहाँ   पे    क्रेता !

महंगाई   है , महंगाई   में ,  एक   चीज़   ही   रही  अछूती ,
कल  भी  दो  कौड़ी  के  थे तो ,अब  भी  दो  कौड़ी  के  नेता !
      

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