शनिवार, 2 जून 2012

इस कलयुग में यूँ प्यार हुआ hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },



जीवन  साँसों  का  चक्र  बना , फिर मकसद  से  ब्यापार  हुआ !
पिछली  पीढ़ी  से आज  तलक , हर इक  के संग हर बार  हुआ !

दिल में  गड्ढें ,सिर में  छुड़ियाँ ,बाहों  में  गंध  है  अजगर  सी ,
घुलती  साँसों  में हया  नग्न , इस  कलयुग  में  यूँ  प्यार  हुआ !

हे  कान्हा ! तुझे  प्रतीक  बना , सब   खेल   खेलते   नाजायज़ ,
मीरा ! तेरा   दीवानापन  ,  असमंजस   से   दो  - चार   हुआ !

तब  हस्ती   गई  हाशिये  पे ,हे ईश्वर ! किया  जो इश्क  तुझे ,
बस  खोया  - खोया  रहता हूँ ,  सब  कहतें   हैं  बेकार   हुआ !

मैं  बेकारी  में  खुश   इतना , सब  लोक-लाज भी  भूल  गया ,
सब  कार्य   करें   लूटने   का  ,  मैं   लुटने  को  तैयार  हुआ !

सब  घूर   रहें  थें  कब -कैसे , मैं  दुख  से  यूँ  कंगाल   हुआ ,
गुम  हुआ  खजाना दुख का ,जब से  ईश्वर  मेरा  यार  हुआ !

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