कभी न मैं भी रोऊंगा , कभी तुम भी नहीं रोना !
मेरी मां लौट जल्दी आऊंगा , उदास मत होना !
मेरा तकिया भी तेरी लोरियों को, गुनगुनाता है ,
तेरे घर भी रहे आबाद, बचपन का मेरा कोना !
सभी कुछ है मगर मन मेरा, मांगे रोटियां तेरी ,
मेरे सपनों में आ के गोल गोल, रोटियां दो ना !
बिना तेरे ओ मेरी मां , यहाँ तो युद्ध है जीवन,
ये दुनियां पूरी पीतल की,तेरा आंचल ही था सोना !
तुम्हें क्यूँ अब भी लगता है ,मुझे दुःख है यहाँ कोई,
बस पूरा धुल गया, न सीख पाया, कपड़े मैं धोना !
तेरे आंगन में मेरे मन को , मां मैं छोड़ आया था ,
पकड़ रखना उसे जाने न देना , अब तो खुश हो ना ?
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