मैं तो बस लिबास हूं , मुझसे न प्रेम किजिये !
किसने कहा कि खास हूं ,मुझसे न प्रेम किजिये !
मन्दिर मैं जाऊँ क्यूँ भला , जो हूं मैं मां के संग,
जाहिर है कि बदमाश हूं ,मुझसे न प्रेम किजिये !
सच कह रहा हूं जानिए , मुरदों के शहर में ,
इक सांस लेती लाश हूं , मुझसे न प्रेम किजिये !
परिचय के लिये जानिऐ , मेरा पता अब ये ,
भूखों के लिये घास हूं ,मुझसे न प्रेम किजिये !
मस्जिद में भजन गा पिटा ,है बात कल ही की ,
अब मंदिरों के पास हूं , मुझसे न प्रेम किजिये !
किसने कहा कि खास हूं ,मुझसे न प्रेम किजिये !
मन्दिर मैं जाऊँ क्यूँ भला , जो हूं मैं मां के संग,
जाहिर है कि बदमाश हूं ,मुझसे न प्रेम किजिये !
सच कह रहा हूं जानिए , मुरदों के शहर में ,
इक सांस लेती लाश हूं , मुझसे न प्रेम किजिये !
परिचय के लिये जानिऐ , मेरा पता अब ये ,
भूखों के लिये घास हूं ,मुझसे न प्रेम किजिये !
मस्जिद में भजन गा पिटा ,है बात कल ही की ,
अब मंदिरों के पास हूं , मुझसे न प्रेम किजिये !
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