मस्जिद में हाथ जोड़ कर, कुछ बुदबुदाया था !
तिरछी हुई नजरें सभी , थप्पड़ भी खाया था !
बेहद अजीज वो था , बेहद पसंद थी खीर ,
फिर भी गया न ईद में , उसने बुलाया था !
मां ने कहा था बेटा वो , गौ- मांस खाते हैं ,
छोटा था मैं ,मुझको समझ में ,कुछ न आया था !
वो भी था मजा चाहता ,अम्मी ने किया बंद,
होली में रंग खेलने को , छटपटाया था !
बातों ही बातों में जो मेरा , जिक्र था आया ,
मुझको पता चला मुझे , काफिर बताया था !
वो मेरे एतराज पे , बोला क्यूँ दुःखी हूं ,
उसको तो मौलवी ने ही ,ये सब सिखाया था !
उस मौलवी को क्या कहूं , इक शब्द की खातिर,
उस शब्द से यारी गयी , कुछ भी न भाया था !
नफरत के लिये हम वजह, जो धर्म को माने ,
खोजो ये नाम हिंदू - मुस्लिम, कौन लाया था !
इंसान हैं , इंसान बन के , रह न पायें क्यूँ ?
भगवान ने क्या हिंदू - मुसलमां बनाया था ??
तिरछी हुई नजरें सभी , थप्पड़ भी खाया था !
बेहद अजीज वो था , बेहद पसंद थी खीर ,
फिर भी गया न ईद में , उसने बुलाया था !
मां ने कहा था बेटा वो , गौ- मांस खाते हैं ,
छोटा था मैं ,मुझको समझ में ,कुछ न आया था !
वो भी था मजा चाहता ,अम्मी ने किया बंद,
होली में रंग खेलने को , छटपटाया था !
बातों ही बातों में जो मेरा , जिक्र था आया ,
मुझको पता चला मुझे , काफिर बताया था !
वो मेरे एतराज पे , बोला क्यूँ दुःखी हूं ,
उसको तो मौलवी ने ही ,ये सब सिखाया था !
उस मौलवी को क्या कहूं , इक शब्द की खातिर,
उस शब्द से यारी गयी , कुछ भी न भाया था !
नफरत के लिये हम वजह, जो धर्म को माने ,
खोजो ये नाम हिंदू - मुस्लिम, कौन लाया था !
इंसान हैं , इंसान बन के , रह न पायें क्यूँ ?
भगवान ने क्या हिंदू - मुसलमां बनाया था ??
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