यादें कभी न पोछना , घर लौट के आना !
पैसों के लिये सोच ना , घर लौट के आना !
थक जाना जब पैसे कमा , परदेश में बंधु ,
मां के लिये भी सोचना, घर लौट के आना !
रंगीनीयां दुनियां की तुझे , लील जायेंगी ,
प्रलोभनों को कर मना ,घर लौट के आना !
छत अपने ही घर की सदा , महफूज है होती ,
रोने से भी दिल अनमना , घर लौट के आना!
तेरे बिना बिटिया का जो ,बचपन गुजर गया ,
आ के उसे ना खोजना , घर लौट के आना !
तू बन गया , घर बन गया , ब्यापार भी बना ,
परिवार भी तो इक बना , घर लौट के आना !
पैसों के लिये सोच ना , घर लौट के आना !
थक जाना जब पैसे कमा , परदेश में बंधु ,
मां के लिये भी सोचना, घर लौट के आना !
रंगीनीयां दुनियां की तुझे , लील जायेंगी ,
प्रलोभनों को कर मना ,घर लौट के आना !
छत अपने ही घर की सदा , महफूज है होती ,
रोने से भी दिल अनमना , घर लौट के आना!
तेरे बिना बिटिया का जो ,बचपन गुजर गया ,
आ के उसे ना खोजना , घर लौट के आना !
तू बन गया , घर बन गया , ब्यापार भी बना ,
परिवार भी तो इक बना , घर लौट के आना !
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